नांदेड़ (प्रतिनिधि) – महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरुद्वारा बोर्ड पर प्रशासन नियुक्त करने का अधिकार सुरक्षित रखने के बाद, नांदेड़ के मुख्य जत्थेदार संत बाबा कुलवंतसिंघजी, तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. विजय सतबीरसिंघ, मित जत्थेदार सिंघ साहेब भाई ज्योतिंदर सिंघजी, प्रमुख ग्रंथी भाई कश्मीरसिंघजी, मिथ ग्रंथी भाई विजेंद्रसिंघजी, धूपिया भाई रामसिंघजी, अधीक्षक गुरुद्वारा बोर्ड के सरदार रणजीतसिंघ चिरागिया तथा सहायक अधीक्षक थानसिंघ बुंगई ने 27 अप्रैल 2014 को हुई बैठक में पंचप्यारे साहिबान के आदेशानुसार (गुरूमता) पुराने एक्ट में बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया।
सचखंड गुरुद्वारा बोर्ड की ओर से 31 दिसंबर 2023 को भेजे गए प्रेस नोट के अनुसार, पंचप्यारे साहिबान 2014 में लिए गए फैसले पर अभी भी कायम हैं। स्थानीय लोगों (संगत) ने गुरुद्वारा बोर्ड के प्रशासन में किसी बदलाव की मांग नहीं की है और पुराने कानून को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
पिछले कुछ दिनों से मीडिया में गलत सूचना फैलाई जा रही है कि पंचप्यारे साहिबान ने भाटिया रिपोर्ट को सरकार द्वारा लागू करने पर सहमति दे दी है। इस प्रकाशन में लिखा गया है कि पंचप्यारे साहिबान ने खुलासा किया है कि हमने इस भाटिया कमेटी की रिपोर्ट पर कोई पत्राचार या घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया में आ रही जानकारी झूठी है। इसपर नांदेड़ के सरदार राजेंद्रसिंघ साहू से इस प्रकाशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस माह 12 जनवरी 2024 को दशमपतशाह श्री गुरु गोविंदसिंघजी महाराज का प्रकाश समारोह है। उस अवसर पर मेरी राय है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिबजी को महाराष्ट्र सरकार को अपनी गलतियॉं सुधारने के लिए सद्बुद्धि दे।
पंचप्यारे साहिबान का नए कानून को गुरूमता के अनुसार(आदेश) विरोध